ये जींदगी रुक गई थी, राहें खो गई थीं ये जींदगी रुक गई थी, राहें खो...
सात्विकी मकरंद छाया, ओढ़नी सी ओढ़ लूं मैं , तव सुमन की सौम्यता से.... सात्विकी मकरंद छाया, ओढ़नी सी ओढ़ लूं मैं , तव सुमन की सौम्यता से....
माँ के ममता भरे आँचल से लेकर प्रीतम के आँगन तक का सफ़र है ज़िंदगी..! माँ के ममता भरे आँचल से लेकर प्रीतम के आँगन तक का सफ़र है ज़िंदगी..!
उसका गीत गाके महफिल सजा लेती हूं ये कविता लिख कर पा लिया करती हूँ उसे उसका गीत गाके महफिल सजा लेती हूं ये कविता लिख कर पा लिया करती हूँ उसे
मैं जीना सीख गई हूं मैं अपनी कहानी से सन्तुष्ट हूं । मैं जीना सीख गई हूं मैं अपनी कहानी से सन्तुष्ट हूं ।
खुदको साबित करके उड़ाने है सबके होश। खुदको साबित करके उड़ाने है सबके होश।